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लेखनी कहानी -18-Aug-2022

                गजल

आरजू     है वतन   ये सलामत रहे।
शान तेरी वतन  ताकयामत रहे।।

अब न हो  ये वतन में दंगा  राह में।
दिल मे   हो सभी  के सफाकत रहे।।

सब यहीं साथ मे रह दुआ ये करे।
आपसी दुश्मनी में रफाकत रहे।।

साथ मे  हम सभी  मेल खा कर रहे।
दोस्ती में न को ई अदाबत रहे।।

हिन्द की शान है तीन रंग का निशां।
हो नजर इश्क़ की ये इनायत रहे।।

हो सके जां लुटा दो रिहान यहाँ।
फिर से हो जन्म लेने की चाहत रहे।।

रिहान पठान प्रेमी

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5 Comments

Mithi . S

20-Aug-2022 03:09 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

20-Aug-2022 03:06 PM

बहुत खूबसूरत

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shweta soni

20-Aug-2022 11:18 AM

👌👌👌

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